चंडीगढ़ के IAS को शराब माफिया से पंगा पड़ा महंगा; लीकर लॉबी के दबाव में एडीशनल एक्साइज कमिश्नर रूपेश कुमार का तबादला
Chandigarh Additional Excise Commissioner Rupesh Kumar Transfers
Chandigarh IAS Transfer: प्रशासन के स्वच्छ छवि के अफसरों को कैसे निशाना बनाया जाता है और उन्हें भ्रष्ट लॉबी के समक्ष कैसे घुटने टेकने को मजबूर किया जाता है, इसका ताजा तरीन उदाहरण तब सामने आया जब एडीसी की पोस्ट पर तैनात रूपेश कुमार को बदल दिया गया। उन्हें एडीशनल एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर कम डिप्टी एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर कम कलेक्टर व एडीसी के चार्ज से हटा कर यह चार्ज हरियाणा सिविल सर्विस के प्रद्युमन सिंह को दे दिया गया।
यहां बता दें कि रूपेश कुमार का बस इतना सा कसूर था कि उन्होंने बीते कुछ समय से उन ठेकों व ठेका मालिकों पर कार्रवाई शुरू की थी जो नियम कानूनों को धत्ता बताकर न केवल शराब का कारोबार कर रहे थे बल्कि शहर व आसपास के इलाकों में अवैध तौर पर शराब भी बेच रहे थे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शराब माफिया से पंगा लेना उन्हें महंगा पड़ा और शराब सिंडिकेट ने उनके अवैध शराब पर नकेल कसने को देखते हुए उनका महत्वपूर्ण विभाग से तबादला करा दिया। रूपेश कुमार की छवि ऐसे अफसर की है जो बिना लाग लपेट नियमों के अनुरूप धाकड़ तरीके से फैसला लेते हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने बीते कुछ समय से कई ठेका मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी थी और उन पर नकेल कसने की प्रक्रिया शुरू की थी। रूपेश कुमार ने पांच दिन पहले ही दस बड़े ठेकों को सील करने व उनका लाइसेंस रद्द करने की बड़ी कार्रवाई की थी जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। इस कड़ी कार्रवाई का नतीजा यह हुआ कि गृह विभाग ने उन्हें एक्साइज-टैक्सेशन विभाग से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इस संबंध में प्रशासन के एडवाइजर और होम सेक्रेट्री नितिन कुमार यादव ने बुधवार देर शाम को आदेश जारी कर रूपेश कुमार के चार्ज हरियाणा सिविल सर्विस के प्रद्युमन सिंह को दे दिये गए।
12 केसों पर लिया निर्णय, दस ठेकों को लीकर एक्ट के तहत किया सील
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 19 जनवरी को रूपेश कुमार ने 12 केसों के संबंध में निर्णय लिया। दस मामलों में नियमों व शर्तों को न मानने व लीकर एक्ट के आरोप में दस ठेकों को सील करने का आदेश जारी कर दिया। यह सभी ठेके शहर की प्रमुख जगहों पर स्थित हैं। रूपेश कुमार ने ठेका मालिकों पर भी शिकंजा कसा और उन्होंने बीते पांच महीने में अवैध शराब की बिक्री पर भी जबरदस्त तरीके से रोक लगा दी। सितंबर से अवैध शराब की बिक्री को लेकर ठेका मालिकों को जबरदस्त डेंट पडऩे लगा। पांच माह में अवैध शराब बिक्री के 30 केस उनकी ओर से दर्ज कराये गए.
हाल ही में एक ठेका मालिक पर उन्होंने 30 लाख रुपये की भारी भरकम पैनेल्टी भी लगाई। कुमार ने एडीशनल डिप्टी कमिश्नर का चार्ज भी छोड़ दिया है। यहां बता दें कि रूपेश कुमार 2019 बैच के आगमुट कैडर के आईएएस अफसर हैं और पंजाब के अमृतसर से संबंध रखते हैं। उन्हें दृष्टि बाधिता की समस्या है। वह रेटेनाइटस पिगमेंटोसा से पीडि़त हैं। उन्होंने अमृतसर की गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के बाद दिल्ली की जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली से लॉ की पढ़ाई की।
बीते पांच माह में 250 से ज्यादा अपील
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीते पांच माह के दौरान रूपेश कुमार ने 250 से ज्यादा पैंडिंग वैट केसों की अपील पर फैसला किया। यह बीते काफी समय से लटके पड़े थे और इनमें न्याय नहीं हो पा रहा था। इन केसों को जानबूझ कर निपटाया नहीं जा रहा था। दैनिक अर्थप्रकाश ने एक्साइज टैक्सेशन के इन पैंडिंग वैट केसों को लेकर खबर भी लिखी थी।
रिपोर्ट- साजन शर्मा